संवेदनशीलता की पहचानः जब डोनर कार्ड बना जीवनदाता

चंद्रशेखर प्रजापति
सिधौली/सीतापुर। तहसील क्षेत्र के देवीपुर के समीप हाल ही में हुए एक भीषण सड़क हादसे ने क्षेत्र को गहरे शोक में डाल दिया। इस हृदयविदारक घटना में 16 वर्षीय अमित, 19 वर्षीय सचिन और और 11 वर्षीय यीशु की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि कई मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें 10 वर्षीय शैलेश की स्थिति अत्यंत नाजुक बनी रही, जिसे तत्काल जीवन रक्षक रक्त की आवश्यकता थी।
ऐसे संकट की घड़ी में श्री चंद्रशेखर प्रजापति जैसे संवेदनशील नागरिक आगे आए। उन्होंने 14 जून, 2025 को विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आयोजित अमर उजाला फाऊंडेशन हुआ ह्यूमन फाउंडेशन के स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में किए गए रक्तदान के बदले प्राप्त डोनर कार्ड के माध्यम से शैलेश को समय पर रक्त उपलब्ध कराया। यह कार्य न केवल तकनीकी सहायता का एक उदाहरण है, बल्कि मानवता, संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रेरणादायक प्रतीक भी है।
घटना के तुरंत बाद समाजसेवी श्री रामपाल भार्गव ने सक्रिय भूमिका निभाई और ह्यूमेन फाउंडेशन की संस्थापिका असमा हसन खान से संपर्क साधा। असमा जी द्वारा तत्परता से चंद्रशेखर प्रजापति का संपर्क सूत्र साझा किया गया। घटना की संवेदनशीलता को समझते हुए चंद्रशेखर जी ने निःस्वार्थ भाव से अपना डोनर कार्ड उपलब्ध कराया, जिससे समय रहते शैलेश को रक्त मिल सका।
ह्यूमेन फाउंडेशन ने इस मानवीय और संवेदनशील पहल के लिए चंद्रशेखर प्रजापति की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उनकी जागरूकता और त्वरित सहयोग ने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि पूरे समाज को यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि "जब जीवन हो संकट में, एक बूँद रक्त बन जाए संजीवनी।"
हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि शैलेश शीघ्र स्वस्थ हो और समाज के सभी नागरिक चंद्रशेखर जैसे रक्तवीरों से प्रेरणा लेकर "रक्तदान – महादान" के संकल्प को अपनाएं। रक्तदान है – जीवनदान। रक्तदान है – श्रेष्ठ दान।
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