ग्राम अलोइय्या मे कवि सम्मेलनः कविता और समाज का अद्भुत संगम

सिधौली/सीतापुर। ग्राम अलोइया नव वेलफेयर सेवा समिति के बैनर तले आयोजित कवि सम्मेलन एक ऐसा साहित्यिक उत्सव बन गया, जिसने बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों—सभी को कविता की शक्ति से भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन अंतरराष्ट्रीय अवधी पत्रिका “भाखा” के उप संपादक चंद्रशेखर प्रजापति जी ने किया, जिन्होंने अपनी ओजस्वी शैली से पूरे समारोह को रोचक और जीवंत बनाए रखा। वरिष्ठ कवि अनिल अनिकेत (हरदोई) ने अपनी पंक्तियों “उल्टी-सीधी जो कोई बकता है, स्वाद अपने किये का चखता है...” सुनाकर जीवन के सत्य और वक़्त के न्याय का संदेश दिया। कवि रोहित विश्वकर्मा ने अपनी हृदयस्पर्शी कविता “मुसीबत में मेरी माँ की दुआ ही काम आई है...” प्रस्तुत कर मातृशक्ति के महत्व और जीवन में संघर्ष के वास्तविक सहारे को रेखांकित किया। पिंकी अरविन्द प्रजापति ने “बेटों जैसे बेटी भी जब मन में हमदर्जा होगी...” जैसी पंक्तियों के माध्यम से समाज में बेटियों की बराबरी और महिला सशक्तिकरण की गूंज पैदा की।
अरविन्द कुमार प्रजापति ने पति-पत्नी के संबंधों पर गंभीर और मार्मिक वक्तव्य देकर श्रोताओं की तालियां बटोरीं
इस कवि सम्मेलन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि कविता केवल मंच पर ही नहीं रही, बल्कि गांव के हर श्रोता के हृदय तक पहुँची। बच्चे कविता सुनकर प्रेरित हुए, युवाओं ने साहित्यिक चेतना को अपनाया और बुजुर्गों ने जीवन के अनुभवों को कविताओं से जोड़ते हुए सराहा।
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