संविदा कर्मचारी बनी संघ की नेता, नियमों के विरुद्ध चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल

Sep 20, 2025 - 12:05
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संविदा कर्मचारी बनी संघ की नेता, नियमों के विरुद्ध चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल

संवाददाता, भोपाल।

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल में 18 सितंबर 2025 को सम्पन्न हुए कर्मचारी संघ चुनाव अब विवादों में घिर गए हैं। इन चुनावों को लेकर गंभीर आपत्तियाँ उठ रही हैं क्योंकि परंपरा के अनुसार यहाँ केवल स्थायी कर्मचारियों को ही प्रत्याशी बनने और मतदान करने की अनुमति दी जाती रही है, लेकिन इस बार संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटरों को भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया।

चुनाव अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं। आरोप है कि डाटा कक्ष के अधिकारी, जिन्हें चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था, ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए अपने कक्ष के संविदा कर्मचारियों को न केवल चुनाव लड़ने का अवसर दिया, बल्कि मतदान ड्यूटी में भी उन्हीं को लगाया।

सबसे अधिक चर्चा में रही संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर मिनाक्षी तोमर, जिन्हें चुनाव में विजयी घोषित किया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि मिनाक्षी तोमर कार्यालयीन गतिविधियों में सक्रिय नहीं रहतीं और न ही उन्होंने प्रचार-प्रसार किया, इसके बावजूद उन्हें भारी मतों से जीत दिला दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उन्हें केवल अपने कक्ष से ही वोट मिलते, तो उनकी संख्या 50 से अधिक नहीं होती। ऐसे में उनका जीत जाना चुनाव की पारदर्शिता पर गहरे सवाल खड़े करता है।

आरोप यह भी हैं कि मंडल में संविदा नियुक्तियाँ पारदर्शिता से नहीं की जा रहीं, बल्कि परिचितों और सिफारिशों के आधार पर आकर्षक वेतन एवं सुविधाएँ देकर की जा रही हैं। यही कारण है कि स्थायी कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।

मिनाक्षी तोमर की जीत के बाद कर्मचारियों ने चुनाव प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यह कदम स्थायी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है और प्रशासन को चाहिए कि इस पूरे चुनाव को निरस्त कर एक स्वतंत्र जांच

कराई जाए।

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