तिरंगा महराज ने दाखिल की आपत्ति, मोदी पर भरोसा न्याययालय की शारण मे

लखनऊ, 19 अप्रैल 2025: मोदी भक्त के नाम से मशहूर तिरंगा महाराज
आशाराम आदि ने एक महत्वपूर्ण आपत्ति दाखिल की है। यह आपत्ति उप संचालक चकबन्दी, लखनऊ के समक्ष कम्प्यूटरीकृत वाद संख्या-202554104600000279 में दाखिल की गई है।
मामले की पृष्ठभूमि104 किसानों की गायब पट्टा पत्रावली
आशाराम आदि के पिता स्वर्गीय राम स्वरूप को वर्ष 2002 में भूमि प्रबन्धक समिति द्वारा वादग्रस्त भूमि का पट्टा दिया गया था। इसके बाद, भूमि का कब्जा भी प्रदान कर दिया गया था। विपक्षीगण के पिता के नाम सम्बन्धित ग्राम की खेतौनी में फसली वर्ष-1409 से 1414 फसली वर्ष में श्रीमान तहसीलदार, बी०के०टी० के आदेश के अनुक्रम में कई अन्य पट्टा-धारकों के साथ कर दिया गया था।
आपत्ति सीबीआई जांच की मांग
आपत्ति में मांग की गई है कि श्रीमान चकबन्दी अधिकारी, बख्शी का तालाब, लखनऊ और श्रीमान चकबन्दी अधिकारी, सरोजनीनगर, लखनऊ द्वारा पारित दो भिन्न-भिन्न आदेशों दिनांक-13/02/2025 और दिनांक-09/04/2025 को निरस्त किया जाए। इन आदेशों को पूर्णतः विधि-विरुद्ध और त्रुटिपूर्ण बताया गया है।
आदेशों की प्रतियां सबूत संलग्न
आपत्ति के साथ संलग्नक संख्या-1 के रूप में श्रीमान चकबन्दी अधिकारी, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक-13/02/2025 की प्रति संलग्न है। इसी प्रकार, संलग्नक संख्या-2 के रूप में न्यायालय श्रीमान चकबन्दी अधिकारी, सरोजनीनगर, लखनऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक-09/04/2025 की प्रति संलग्न है।
प्रार्थीगण/विपक्षीगण के अधिवक्ता
इस मामले में प्रार्थीगण/विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता विनीत पांडेय पेश हुए हैं। उन्होंने आपत्ति के साथ संलग्नक संख्या-1 और संलग्नक संख्या-2 के रूप में दो आदेशों की प्रतियां भी प्रस्तुत की हैं।
आगे की कार्रवाई
अब इस मामले में न्यायालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। तिरंगा महाराज के संघर्ष को देखते हुए, यह मामला और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। तिरंगा महाराज ने कहा न्यायालय द्वारा प्रकरण से सम्बन्धित समस्त वादों की पत्रावलियों को मंगाकर सम्यक परीक्षणोंपरांत उपरोक्त सन्दर्भ वाद एवं आदेशों को निरस्त करने की मांग।
।तिरंगा महाराज ने 104 किसानों की गायब पट्टा पत्रावली के मामले में एक महत्वपूर्ण आपत्ति दाखिल की है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है और दो चकबंदी अधिकारियों द्वारा पारित आदेशों को निरस्त करने की मांग की है।
तिरंगा महाराज का कहना है कि सरकार को इस मामले में आगे की कार्रवाई करनी चाहिए और समस्त वादों की पत्रावलियों को मंगाकर सम्यक परीक्षण करना चाहिए।
इस मामले में तिरंगा महाराज के लंबे संघर्ष को देखते हुए, यह मामला और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है
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