ग्रामीणों की शिकायती पत्र को 10 दिन बीत गये नही हुई कार्यवाही आखिर क्या रहा कारण।

Apr 22, 2025 - 13:21
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ग्रामीणों की शिकायती पत्र को 10 दिन बीत गये नही हुई कार्यवाही आखिर क्या रहा कारण।

 

महमूदाबाद, सीतापुर। महमूदाबाद तहसील इलाके के कंपोजिट विद्यालय तुरसेना का एक मामला 10 दिन पहले प्रकाश में आया था। जहाँ पर कुछ महिला शिक्षिकाओं के द्वारा नाबालिक बच्चियों को उकसाकर शिक्षामित्र और सहायक अध्यापक पर अभद्र टिप्पणी व अभद्रता करने का आरोप लगाया गया था।

विद्या प्रसाद पुत्र राम अधार ग्राम महमदपुर मजरे तुरसेना विकास खण्ड पहला जनपद सीतापुर के द्वारा मीडिया को जानकारी देते हुए पूरी घटना का जिक्र करते हुए कहा है| कि मेरी पुत्री ग्राम पंचायत में स्थित कम्पोजिट विद्यालय तुरसेना में पढ़ने जाती है। विद्यालय में कार्यरत कुछ महिला शिक्षिकाओं ने जैसे कि स्वेता शुक्ला, अनपमा डेविड, ममता यादव, आकांक्षा सक्सेना,आदि ने एक राय होते हुए लामबंद होकर अपनी ब्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिए विद्यालय में अध्ययनरत कई बालिकाओं को उकसाया था। सभी बालिकाओं को विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों पर अश्लील हरकते करने, बैडटच, अभद्रता का झूठा आरोप लगाने के लिए डराया धमकाया तथा लालच भी दिया था। नाबालिग बालिकाएं शिक्षिकाओं से डर गयीं, और शिक्षिकाओं के द्वारा बताई गई बातों को अपने घर में बता दिया।

जिससे परिजन लोकलाज एवं बालिकाओं के साथ अभद्रता की बात से अभिभावकों में रोष आ गया। ग्रामीणों ने अगले दिन स्कूल पहुंचकर पता किया कि विद्यालय की शिक्षिकाओं ने शिक्षक मर्यादा को ताख पर क्यों रखकर अबोध बच्चों को ऐसी गन्दी बातें सिखा रही है। कि विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक सुनील कुमार एंव शिक्षामित्र राजकुमार समय से आते हैं। और मेहनत से शिक्षण कार्य करते हैं। किन्तु विद्यालय में कार्यरत उपरोक्त शिक्षिकाएं अक्सर विद्यालय से गायब रहती हैं। विद्यालय में उपस्थित तमाम अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए मीडिया के सामने इन शिक्षिकाओं की गन्दी मानसिकता जैसी करतूत का पर्दाफाश कराया। शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात इन शिक्षिकाओं के इस घृणित कृत्य से अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है। परिजन बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिन्तित हैं।

 शिक्षामित्र राजकुमार व सहायक अध्यापक सुनील कुमार की छवि खराब करने तथा नौकरी पर संकट उत्पन्न करने की नियति से शिक्षिकाओं ने अबोध बच्चों को ढाल बनाया था। जोकि बाल अधिकारों, शिक्षा का अधिकार अधिनियम व बाल संरक्षण नियमों का खुला उल्लंघन है | इस कुकृत्य के बाद अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से डर रहे हैं | इन शिक्षिकाओं ने शिक्षक छात्र मर्यादा को तार तार करने व अबोध बच्चों को समाज में बदनाम करने, अनैतिक ब्यवहार करने के प्रति उकसाने का जघन्य अपराध किया है।

ऐसी हरकत को देखकर सैकड़ों ग्रामीण विद्यालय परिसर में पहुचे थे।लेकिन मामले को शांत कराने के लिये कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं आया। काफी देर तक ग्रामीणों का हंगामा चलता रहा, इसकी सूचना जैसे ही सिरौली चौकी इंचार्ज को हुई तो वह आनन फानन में मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाते हुए आश्वासन दिया था, कि जाँच करके उचित कार्यवाही की जाएगी।  

 सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सी यू जी नम्बर पर फोन लगाया गया तो फोन नहीं उठा।

अब देखना यह है कि ग्रामीणों के द्वारा शिकायत किए 10 दिन बीत गए हैं, और जिले के किसी भी अधिकारी ने अभी तक विद्यालय परिसर पहुंच कर जांच करने तक नहीं पहुंचे आखिर ऐसा क्यों कहीं ऐसा तो नहीं, कि शिकायत के नाम पर सभी अधिकारी अपने ऑफिस में बैठकर खाना पूर्ति कर चुके हों, या करने का विचार कर रहे हों, इसलिए विद्यालय परिसर और ग्रामीणों से वार्तालाप करने नहीं पहुंच रहे।सूत्रों की मानें तो खबर लिखे जाने तक स्थानीय अधिकारी से लेकर जनपद मुख्यालय का कोई भी अधिकारी मौके पर पहुँच कर जांच नहीं किया है।

संवाददाता रामप्रकाश सीतापुर।

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